भारत का संविधान, अनुच्छेद-51क(ज)
👉 “भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे।”
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28 फरवरी को प्रतिवर्ष भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भारत के महान वैज्ञानिक डॉ. सी. वी. रमन जी ने “रमन-प्रभाव” की खोज की थी, जिनकी याद में प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। सी.वी. रमन जी द्वारा की गई “रमन प्रभाव” की खोज के लिए उन्हें वर्ष 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वैज्ञानिक क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले वह पहले भारतीय थे। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का प्रस्ताव सबसे पहले वर्ष 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद(एनसीएसटीसी) ने रखा था, जिसे भारत सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान की गई और पहली बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी, 1987 को मनाया गया था। भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य उन युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना और उनके नए विचारों को बढ़ावा देना है, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने की ओर अग्रसर हैं। प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को किसी न किसी थीम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम “विकसित भारत के लिए भारतीय स्वदेशी प्रौद्योगिकी” (Indigenous Technologies for Viksit Bharat) रखी गई है।
हम भारत के लोगों का संवैधानिक कर्तव्य (Fundamental duties) है कि हम सब अपने आचरण में तर्कसंगत दृष्टिकोण व्यवहृत कर, भारत के लोगों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण(to develop the scientific temper) विकसित करें-जय संविधान-जय विज्ञान💐🙏
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