बोधिसत्व बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की बुलंद आवाज का सशक्त दस्तावेज ‘मूकनायक’ समाचार-पत्र का पहला अंक बाबा साहब के द्वारा आज ही के दिन 31 जनवरी, 1920 को निकाला गया था, जबकि बाबा साहब द्वारा अंतिम अखबार ‘प्रबुद्ध भारत’ का पहला अंक 04 फरवरी, 1956 को प्रकाशित हुआ। पाक्षिक समाचार-पत्र ‘मूकनायक’ के माध्यम से बाबा साहब ने यह तीखा सवाल पुरजोर तरीके से उठाया कि स्वराज किसके लिए? क्या यह स्वराज भारत के बहिष्कृत-अछूतों (दलितों) के लिए भी होगा? क्या इसमें उनकी भी बराबरी के आधार पर सहभागिता होगी? या यह स्वराज, सदियों से अछूत कहे जाने वाले लोगों पर अत्याचार कर रहे उच्च जातियों मात्र का ही होगा? ‘मूकनायक’ के प्रकाशन के साथ ही बाबा साहब पहली बार भारत के मूक-बहुजन समाज के घोषित नायक बन गए।
मूकनायक’ के प्रकाशन तिथि 31 जनवरी के सुअवसर पर आज हम बोधिसत्व बाबासाहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के “कुशल दूरदर्शी पत्रकार व्यक्तित्व” को स्मरण करते हुए कृतज्ञतापूर्ण नमन करते हैं💐🙏
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