नारायण मेघाजी लोखंडे जी, (1848, – 09 फरवरी, 1897)

महामना ज्योतिबा फूले जी के प्रमुख सहयोगी नारायण मेघाजी लोखंडे जी का जन्म पुणे जिले के कन्हेरसर में एक बहुजन परिवार (माली जाति) में वर्ष 1848 में हुआ था। उन्होंने हाई स्कूल तक शिक्षा प्राप्त की थी। उनकी पत्नी का नाम गोपिकाबाई था और उनका गोपीनाथ नाम का एक पुत्र था।
लोखंडे जी को भारत में ट्रेड यूनियन आंदोलन के जनक के रूप में जाना जाता है। वर्ष 1880 के बाद से उन्होंने ‘दीनबंधु’ का प्रबंधन संभाला, जो मुंबई से प्रकाशित हुआ करता था। इस समय उन्होंने मुंबई के कपास मिल में हेड क्लर्क की नौकरी छोड़ दी और मिलहैंड्स एसोसिएशन की स्थापना कर खुद को पूरी तरह से समाज सेवा के लिए समर्पित कर दिया। लोखंडे जी के साथ, महामना फुले जी ने बॉम्बे में कपड़ा श्रमिकों की सभाओं को भी संबोधित किया था। यह महत्वपूर्ण है कि फूले जी और उनके सहयोगियों कृष्णराव भालेकर और लोखंडे जी ने किसानों और श्रमिकों को संगठित करने की कोशिश की थी, किसी भी संगठन द्वारा उनकी शिकायतों के निवारण के लिए अब तक ऐसा कोई प्रयास नहीं किया गया था। लोखंडे जी ने भारत में पहला श्रमिक संघ ‘बॉम्बे मिल हैंड्स एसोसिएशन’ शुरू किया।आगे चलकर इस एशोसियेशन की प्रमुख मांगों में से एक मुख्य मांग थीं कि मिल मजदूरों को रविवार को साप्ताहिक अवकाश मिले और दोपहर के समय श्रमिकों को आधे घंटे के अवकाश का अधिकार होना चाहिए। मिल को सुबह 6:30 बजे से काम करना शुरू करना चाहिए और सूर्यास्त तक बंद कर देना चाहिए तथा कर्मचारियों का वेतन हर माह की 15 तारीख तक दिया जाना चाहिए..आदि।
उनके इन संघर्षों को देखते हुए, ब्रिटिश शासन द्वारा उन्हें ‘राव बहादुर’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था। उन्होंने ‘मुंबई कामगार संघ’ की भी स्थापना की थी।
सत्यशोधक नारायण मेघाजी लोखंडे जी भारत में ट्रेड यूनियन आंदोलन के जनक व महामना ज्योतिबा फुले जी के प्रबल अनुयायी थे। ज्योतिबा फुले जी को ‘महात्मा’ की उपाधि देने का समारोह उनके द्वारा ही मुंबई में आयोजित किया था। सत्यशोधक नारायण मेघाजी लोखंडे जी को न केवल 19वीं शताब्दी में कपड़ा मिल कामगारों की कामकाजी परिस्थितियों में सुधार के लिए याद किया जाता है, बल्कि जाति और सांप्रदायिक मुद्दों पर उनकी साहसी पहल के लिए भी उनका स्मरण किया जाता रहेगा। उनके आंदोलन के के बाद रविवार की साप्ताहिक छुट्टी क़ानूनन मिल पाई। इस तरह से वह जातिसंघर्ष और वर्गसंघर्ष इन दोनों पहलुओं पर संघर्ष करते थे। भारत सरकार ने वर्ष 2005 में उनकी स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया था।
महामना ज्योतिबा फुले जी को ‘महात्मा’ की उपाधि से सम्मानित करने वाले तथा महामना ज्योतिबा फूले जी के प्रमुख सहयोगी रहे महामानव नारायण मेघाजी लोखंडे जी के स्मृति दिवस 09 फरवरी पर कृतज्ञतापूर्ण नमन💐🙏

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