“तू इधर-उधर की बात न कर, यह बता कि क़ाफ़िला लुटा क्यूं,मुझे रहज़नों से गिला नहीं, तेरी रहबरी का सवाल है।”

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हम सब एक बार जरूर चिंतन करें
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👉क्या हम सब बाहर के अलावा, अपने स्वयं के घर-परिवार में स्वयं भी अपने महापुरुषों की कभी चर्चा करते रहते हैं? क्या हम अपने ही परिवार में बच्चों को तथागत बुद्ध, सम्राट अशोक, संत कबीर, संत रविदास, माता जीजाबाई, संभाजी महाराज, अहिल्याबाई होल्कर, छत्रपति शिवाजी महाराज, झलकारीबाई, अवंतीबाई, ऊदा देवी, मातादीन भंगी, ऊधम सिंह, बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, टंट्या भील, सन्तराम बी. ए., सर छोटूराम, अछूतानंद हरिहर, अयोथी दास, गुरू घासीदास, बालकदास, जोतिबा फूले, सावित्रीबाई फूले, फातिमा शेख, नारायणा गुरु, भगत सिंह, ज्ञानी दित सिंह, भाग्यरेड्डी वर्मा, सयाजी गायकवाङ, बाबू मंगूराम बाबा साहब डॉ.भीमराव अम्बेडकर, माता रमाबाई, संत गाडगे, साहू जी महाराज, अय्यंकाली, अन्नाभाऊ साठे, पेरियार रामासामी नायकर, पेरियार ललई सिंह यादव, भिखारी ठाकुर, जोगेन्द्रनाथ मंडल, एडवोकेट भगवान दास, जगजीवन राम, रामस्वरूप वर्मा दीना भाना, डी के खापर्डे, साहब कांशीराम, शिवदयाल चौरसिया, गया प्रसाद कटियार, कर्पूरी ठाकुर, बी पी मंडल, जोगेन्द्र नाथ मंडल, बाबू जगदेव प्रसाद, फूलन देवी, राहुल सांकृत्यायन, ओम प्रकाश बाल्मीकि, भदन्त आनन्द कौसल्यायन, के आर नारायणन, अनागरिक धम्मपाल, बौद्धाचार्य शान्ति स्वरूप बौद्ध, सूरजपाल चौहान, आदि महान बहुजन महापुरूषों एवं “भारत का संविधान”, भीमा कोरेगांव, अंतरजातीय विवाह सहित बहुजन साहित्य के बारे में भी कभी कुछ बताया है?, यदि आपका-हमारा उत्तर भी नहीं या कभी-कभी है, तो आज से ही अपने घरों में बच्चों की स्कूली किताबों के साथ-साथ इन सबकी भी शुरूआत अवश्य करें और अपने सभी परिचितों को भी अवश्य भेजें केवल हमारे-आपके यह सब जान लेने मात्र से कुछ नहीं होगा। हमारे बच्चे व हमारे पारिवारिक सदस्य तथा नाते-रिश्तेदार भी अपने महापुरुषों, उनके विचारों व कृतित्व के बारे मे तार्किकता व वैज्ञानिकिता के साथ जानें, यह हमारा सामाजिक उत्तरदायित्व और सामाजिक-ऋण भी है।

भारत का संविधान का “प्रस्तावना दिवस”
(22 जनवरी)
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“भारत का संविधान” की प्रस्तावना (Preamble of Constitution) को 22 जनवरी, 1947 को भारत की, संविधान सभा द्वारा पहली बार अपनाया गया था। आइए, “हम भारत के लोग” 22 जनवरी के दिन “भारत का संविधान” की ‘प्रस्तावना’ को भारत के प्रत्येक नागरिक से पढ़ाकर भारत का संविधान के मूल उद्देश्य को घर-घर पहुंचाने के इस अभियान का हिस्सा बनकर भारत के नागरिक होने का अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाएं–22 जनवरी संवैधानिक उद्देश्य(प्रस्तावना) दिवस।

सादर, 🙏जय भीम-जय विज्ञान-जय संविधान💐💐🙏🙏

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