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“भारत का संविधान” भारत के संविधान को संदर्भित करता है, जिसे अक्सर हिंदी में “संविधान” कहा जाता है। भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है, जो शासन, मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, सरकार की शक्तियों और विभिन्न संस्थानों की संरचना के लिए रूपरेखा तैयार करता है।

भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को अपनाया गया था, जिससे भारत की एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापना हुई। यह दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधानों में से एक है और यह विभिन्न स्रोतों से प्रभावित है, जिसमें अन्य देशों के संविधान, ऐतिहासिक दस्तावेज और स्वतंत्रता सेनानियों और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं के आदर्श शामिल हैं।

“भारत का संविधान” पुस्तक में आम तौर पर स्पष्टीकरण, टिप्पणियों, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और विभिन्न लेखों, अनुसूचियों और संशोधनों पर टिप्पणियों के साथ भारत के संविधान का पाठ शामिल है। यह भारत के कानूनी और संवैधानिक ढांचे को समझने के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करता है।

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“जाति का विनाश” एक हिंदी वाक्यांश है जिसका अंग्रेजी में अनुवाद “जाति का विनाश” है। यह “एनिहिलेशन ऑफ कास्ट” नामक पुस्तक को संदर्भित करता है, जो डॉ. बी.आर. का एक प्रमुख कार्य है। अम्बेडकर एक भारतीय न्यायविद्, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और भारतीय संविधान के वास्तुकार थे। यह पुस्तक भारतीय समाज में प्रचलित जातिगत भेदभाव और असमानता के गहरे मुद्दों को संबोधित करती है।

यहां “एनिहिलेशन ऑफ कास्ट” पुस्तक का अवलोकन दिया गया है:

लेखकत्व: पुस्तक डॉ. बी.आर. द्वारा लिखी गई थी। अम्बेडकर, जो भारत में दलितों (पहले अछूत के रूप में जाने जाते थे) और अन्य हाशिये पर रहने वाले समुदायों के अधिकारों की वकालत करने वाले एक प्रमुख नेता थे। अम्बेडकर स्वयं दलित समुदाय से थे और उन्हें जीवन भर जाति के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ा।

 

“भगवान बुद्ध और उनका धम्म”  यह डॉ. बी.आर. द्वारा लिखित एक पुस्तक को संदर्भित करता है। अम्बेडकर, एक भारतीय न्यायविद्, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे। यह पुस्तक एक महत्वपूर्ण कार्य है जो गौतम बुद्ध, जिन्हें भगवान बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है, के जीवन और शिक्षाओं पर प्रकाश डालती है और बौद्ध धर्म के सिद्धांतों की पड़ताल करती है।

लेखकत्व: पुस्तक डॉ. बी.आर. द्वारा लिखी गई थी। अम्बेडकर, जो भारत में सामाजिक न्याय और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के अधिकारों के एक प्रमुख वकील थे। अम्बेडकर भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से बहुत प्रभावित थे और उन्होंने बौद्ध धर्म को अपने धर्म के रूप में अपनाया।

पृष्ठभूमि: “भगवान बुद्ध और उनका धम्म” 1956 में उनके निधन से पहले डॉ. अम्बेडकर द्वारा लिखी गई अंतिम प्रमुख कृतियों में से एक थी। इसे 1957 में भगवान बुद्ध के जीवन, शिक्षाओं और दर्शन की व्यापक व्याख्या के रूप में मरणोपरांत प्रकाशित किया गया था।Read More..