10 दिसम्बर, 2024 दिन मंगलवार को तथागत बुद्ध विहार एवं बोधिसत्व बाबा साहब डॉ.भीमराव आंबेडकर प्रेरणा स्थल, ग्राम-चंदापुर, पोस्ट-गूढ़ा, जनपद रायबरेली, उ.प्र. का स्थापना दिवस समारोह “संविधान महोत्सव के रूप में इस वर्ष भी बहुत ही भव्य एवं अनूठे तरीके से मनाया गया। एक दिन पूर्व ही तथागत बुद्ध विहार को फूलों, झालरों, पंचशील की ध्वज पट्टिकाओं व दीपोत्सव कर मनोरम तरीके से अलंकृत किया गया था। आगन्तुक उपासकों द्वारा बहुजन समाज में जन्में सभी महापुरूषों के एक साथ क्रमशः स्थापित कतारबद्ध चित्रों पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित किए गए। इस संविधान महोत्सव में “भारत का संविधान” से संबंधित एक साथ बहुत सारे पोस्टरों की एक आकर्षक प्रदर्शनी, भारत का संविधान की प्रतिकृति व प्रतीक चिह्न लगाये गये थे, जो व्यवहारिक व संवैधानिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण एवं ज्ञानवर्धक थे। स्थापना दिवस समारोह व संविधान महोत्सव में बाहर से आए सम्मानित अतिथिगणों ने अपने संबोधन से उपस्थित जनसमूह को “भारत का संविधान में उल्लिखित मूल अधिकारों (मानवाधिकारों) का नागरिकों के जीवन में महत्व व उनकी उपयोगिता”, बहुजन महापुरुषों के मानवतावादी योगदान पर विस्तार व व्यवहारिक तरीके से समझाने का प्रयास किया। पूज्य भंते विश्ववकीर्ति जी, सदस्य आल इण्डिया भिक्खु संघ कुशीनगर, पूज्य भंते धम्मबोधि जी लखनऊ, पूज्य भंते आनंदबोधि जी बांदा, पूज्य भंते जितेंद्रवर्धन जी रायबरेली द्वारा उपस्थित उपासकों को भगवान बुद्ध एवं उनके धम्म की देशना प्रदान की गयी। उदय प्रकाश जी, पू. विधायक बांदा, दाता सतगुरू जी बांदा, डाॅo राजीव रत्न मौर्य जी, संपादक अम्बेडकर टुडे, लखनऊ जितेंद्र राज त्यागी जी, अध्यक्ष संविधान संरक्षक संघ, लखनऊ, बैजनाथ व्यास जी लखनऊ, सुरेश चंद्रा जी लखनऊ, गुरूचरण वर्मा जी हैदरगढ़, शक्तिदास जी, नई दिल्ली, आशीष भारती जी कानपुर, सियाराम जी, समता सैनिक, रघुनाथ टेलर, फूले-आंबेडकरी आल्हा गायक, बाराबंकी आदि ने अपने-अपने वक्तव्य में “भारत का संविधान” एवं शिक्षा की जीवन में उपयोगिता एवं बहुजन विचारधारा तथा बहुजन महापुरुषों पर अपने-अपने तरीके से बात रखकर उपस्थित जनसमूह को अपने सारगर्भित वक्तव्य से लाभान्वित किया। मंच के सभी कार्यक्रमों का सफल संचालन विशेश्वर प्रसाद जी ने किया। समारोह का मंगल आरंभ बुद्ध वंदना से व समापन भारत का संविधान की उद्देशिका को जनसमूह के साथ पढ़ाकर किया गया। फूले-आंबेडकरी आल्हा गायक रघुनाथ टेलर व उनकी टीम के बहुजन आल्हा गायन ने उपस्थित जनसमूह में मिशनरी ऊर्जा भर रोमांचित कर दिया। इस अवसर पर तथागत बुद्ध विहार, चंदापुर में अतिरिक्त रूप से अध्ययनरत् छोटे बच्चों को तथागत बुद्ध विहार के संस्थापक व संरक्षक श्रद्धेय बैजनाथ-रामरती गौतम व आयोजक मंडल द्वारा उपस्थित सम्मानित अतिथियों के माध्यम से निःशुल्क बैग, टिफिन व भारत का संविधान की उद्देशिका वितरित कर शिक्षा के प्रति सभी बच्चों को प्रोत्साहित कर बुद्ध विहारों को शिक्षा के केंद्रों के रूप में विकसित किये जाने का संदेश दिया गया। तत्पश्चात संवैधानिक विचारधारा को समर्पित कैलेण्डर का भी वितरण व विमोचन किया गया। साथ ही स्थानीय उपासक रहे स्मृतिशेष रामलाल मानव जी, उमरपुर को याद कर उनके सामाजिक योगदान को नमन किया गया। स्थापना दिवस समारोह के आयोजक मण्डल-2024 एवं स्थानीय बौद्ध उपासकों द्वारा समारोह के एक दिन पूर्व ही अर्थात 09 दिसम्बर दिन सोमवार से ही विश्व-शांति की मंगलकामना के लिए वाद्य-यंत्रों सहित तथागत बुद्ध विहार में बुद्धचरित (चन्द्रोदय) का अनवरत् पाठन किया गया। संविधान मेले में आगन्तुकों के भोजन-दान के साथ-साथ भारी संख्या में आये स्थानीय दुकानदारों को प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार प्रदान किया गया। इस संविधान मेले में संविधान व बहुजन महापुरूषों से संबंधित पुस्तकों, फोटो फ्रेम की भी कई दुकानें खरीददारी के लिए सहज रूप में उपलब्ध थीं।